क्षेत्रीय फिल्मकारों, कलाकारों, फ़िल्म टेक्नीशियन व अन्य की नजरअंदाज करने का मतलब 100% बाहरियों का कब्जा
विशेष संवाददाता: दानिएल मुर्मू।
जमशेदपुर। दिनांक 20/03/24 को संताली सीने एसोसिएशन के आह्वान व मानसिंह मांझी के अध्यक्षता में क्षेत्रीय फ़िल्म कलाकारों के संग जमशेदपुर के जिला समहारालय में मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन को उपयुक्त अनन्य मित्तल पूर्वी सिंहभूम के माध्यम से ज्ञापन सौंपा व अपना लिखित रोष प्रकट किया।
संताली सिने एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि,
1. झारखण्ड में संताली फ़िल्म, लघु फ़िल्म, म्यूज़िक एलबम निर्माण में 80% की भागीदारी है। इसके बावजूद सरकार द्वारा एक भी संताली कलाकारो का मनोनीत नहीं किया।
2. झारखण्ड में "हो" "खोरठा" का मनोनयन हेतु सूचना हेतु , सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के वेबसाइट में अपलोड नही किया गया।
4. फ़िल्म डब्लपमेंट कॉउन्सिल ऑफ झारखण्ड का मनोनयन हेतु , झारखण्ड के किसी भी समाचार पत्रों में प्रकाशित नहीं किया गया।
5. फ़िल्म डब्लपमेंट कॉउन्सिल ऑफ झारखण्ड का अध्यक्ष पद अवैतनिक होता है , फिर किस आधार पर वेतनभोगी , नौकरशाह को अध्यक्ष बनाया गया है।
6. फ़िल्म डब्लपमेंट कॉउन्सिल ऑफ झारखण्ड का अध्यक्ष पद सिर्फ कलाकारों के लिए होता है। पहली अवधि में अनुपम खैर व दूसरे अवधि में मेघनाथ को अध्यक्ष बनाया गया था, इस बार किस आधार से राजीव लोचन बक्शी (आई.एफ.एस.) का मनोनयन हुआ है।
7. फ़िल्म डब्लपमेंट कॉउन्सिल ऑफ झारखण्ड के गठन में सरकार द्वारा स्थापित 60% व 40% के कोरम को भी पूरा नही किया गया, जो कि गलत है।
8. फ़िल्म डब्लपमेंट कॉउन्सिल ऑफ झारखण्ड में एक ही परिवार के दो सदस्यों का मनोनयन किया गया है जो कि नियम के विरुद्ध है।
संताली सीने असोसिएशन का मानना है कि क्षेत्रीय फिल्मकारों, कलाकारों, फ़िल्म टेक्नीशियन व अन्य की नजरअंदाज करने का मतलब 100% बाहरियों का कब्जा, जो उन्हें स्वीकार नहीं है। संताली सीने असोसिएशन ने सरकार से मांग की है कि सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, झारखण्ड सरकार द्वारा अधिसूचना संख्या 06/बैठक (फ़िल्म) -04- 06/2016/112 दिनाँक : 15/03/24 को निरस्त कर पुनः पारदर्शी तरीके से गठन किया जाए। ताकि झारखण्ड में क्षेत्रीय फिल्मों का सही मायनों में विकास हो सके।