संवाददाता मोनिका उसेंडी।
उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़)। दिनांक 24/06/2024, आदिवासी छात्र युवा संगठन भानुप्रतापपुर ने रानी दुर्गावती प्रतिमा पर पूजन कर, प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस समय आदिवासी छात्र युवा संगठन के प्रदेश महामंत्री विनोद कुमेटी ने कहा की रानी दुर्गावती के पति दलपत शाह का मध्य प्रदेश के गोंडवाना क्षेत्र में रहने वाले गोंड वंशजों के 4 राज्यों, गढ़मंडला, देवगढ़, चंदा और खेरला, में से गढ़मंडला पर अधिकार था। शादी के 4 वर्षों के बाद ही दुर्भाग्यवश रानी दुर्गावती के पति राजा दलपतशाह का निधन हो गया। जिसके बाद रानी दुर्गावती ने इस राज्य का शासन संभाला लेकिन फिर इस राज्य पर मुगलों की कुदृष्टि पड़ी जिसके बाद रानी दुर्गावती का पतन निश्चित हो गया, इस स्थिति में भी रानी ने कई लड़ाईयां वीरता के साथ लड़ी और उन्हें खदेड़ा, लेकिन फिर मुगलों की शक्ति के सामने हार निश्चत दिखी। इस स्थिति में उन्होंने घुटने टेकने के बजाय अपना चाकू निकाला और 24 जून, 1564 को युद्ध के मैदान में खुद को मार डाला। रानी दुर्गावती हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत है।
इस दौरान गणेश पल्लो नंदकुमार हिडको शिलेश्वारी दुग्गा रवीना पददा ने रानी दुर्गावती के विचारों को इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा जो अपना इतिहास नहीं जानते, वह इतिहास नहीं बना सकते, शिक्षित बनो संगठित रहो और उन्होंने युवाओं को नशा खोरी से दूर रहने की बात कही। इस दौरान संगठन के विनोद कुमेटी, राजेश सलाम, गणेश पल्लो, नंदकुमार हिडको, लालचंद दुग्गा, मितलेश नेताम, शिलेश्वरी दुग्गा, रवीना पददा, लिलेश्वरी धुर्वा, दुर्गा धुर्वा, आराधना दुग्गा आदि उपस्थित थे।