परधान समाज के समग्र उत्थान के लिए कार्य करने का संकल्प
महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री और आदिवासी विकास मंत्री को सौंपा जाएगा ज्ञापन
यवतमाल (महाराष्ट्र)। अखिल भारतीय परधान समाज संगठन महाराष्ट्र राज्य की राज्य कार्यकारिणी गठित करने को लेकर यवतमाल में समाज के सभी बंधुओं की एक विशाल सभा संपन्न हुई। इस सभा में आदिवासी परधान समाज के उत्थान के लिए सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, पारंपरिक चित्रकला, बोलीभाषा, वेशभूषा, कला एवं वाद्य यंत्रों के संरक्षण हेतु अध्ययनशील शालेय और महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के लिए परधान समाज की अध्ययनशाला एवं कला गैलरी होनी चाहिए तथा समाज का समग्र विकास हो, इस दृष्टिकोण से राज्य स्तर पर संगठन होना चाहिए, ऐसा विचार समाज बंधुओं ने व्यक्त किया।
इसके बाद, संगठन के राज्य अध्यक्ष पद के लिए शिक्षा विस्तार अधिकारी मा. राजूभाऊ मडावी को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया, वहीं प्रा. डॉ. देवानंद सावरकर को सर्वसम्मति से सचिव नियुक्त किया गया। अध्यक्ष और सचिव को पूरी कार्यकारिणी गठित करने का अधिकार दिया गया।
साथ ही, इस संगठन के माध्यम से महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री, आदिवासी विकास मंत्री एवं आदिवासी शोध समिति के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपने और परधान समाज की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक मांगों को स्वीकृत कराने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। भविष्य में यह संगठन परधान समाज की सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक उन्नति के लिए कार्य करेगा और समाज के सभी बंधु इस कार्य में सहयोग करेंगे, ऐसा सभी ने संकल्प व्यक्त किया।
इसके अलावा, अखिल भारतीय परधान समाज साहित्य सम्मेलन यवतमाल में आयोजित करने का निर्णय लिया गया। साथ ही, 30 मार्च 2025 को यवतमाल में परधान समाज का स्नेह मिलन समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें समाज के सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और आर्थिक विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
इस सभा में सुरेश चिंचुलकर, किरण कुमरे, एम. के. कोडापे, नरेश गेडाम, राजू चांदेकर, तुषार आत्राम, उत्तम आत्राम, सुधाकर मेश्राम, बंडू मेश्राम, रविंद्र तिराणीक, प्रा. प्रफुल आडे, दिलीप कुळमेथे, संजय आत्राम, मधुकर मडावी, युवराज, प्रा. अविनाश मेश्राम, दिनेश मडावी, संजय पवार, सुभाष गेडाम, अरुण मेश्राम, नीलकंठ कुळसंगे सहित परधान समाज के कई प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे।