संवाददाता, रोहित भोई।
जिला संबलपुर/ओडिशा। मां की ममता निरंतर है। पाल पोस कर बेटी को संसार दिया स्वप्ना दुनिया दिखाया।लेकिन आज संबलपुर जिले नक्टीडेउल तहसील किसिंडा में अभावनिय दृश्य देखने को मिला है। माता आज आवश्यकता से बाहर, उपादान बनी। विशाखा पाइक उमर 72, एक दलित परिवार की सदस्य हैं।
"द ट्राइबल पोस्ट मीडिया" संवाददाता के सामने रोने लगी और अपने प्रतिक्रिया प्रकाश किया है। कई साल पहले उनकी स्वामी का मृत्यु हुई है। उनकी दो बेटी शादी कर चुकी है। विशाखा पाइक नाम से 5 एकड़ जमीन, दो कमरा दुकान किसिंडा में किराया लगी है। सब कुछ दोनों दामाद की कब्जेमें है। परिवार तरफ से अभी कोई खाना पान सेबा नहीं मिलरहिहे।अकेले जीवन बितारहे है।मां की ममता बेदना से गुजारती है। विशाखा पाइक रो रो कर बोली अपने को गांव छोड़ कर भागेंगे और किसी आनाथश्रम में जीवन बनाएंगे। विशाखा पूर्वतन नाएब सरपंच थे, साधारण लोगोंको साथ सेबा की।ये समाज केलिए बुराई है स्थानीय लोग प्रतिक्रिया प्रकाश किया है।