संवाददाता,देवेंद्र सिंह भिलाला दिनांक,23/03/2015 जिला राजगढ़/मध्य प्रदेश
पचोर/आजाद भारत में अपना बलिदान देकर देश को आजाद करवाने वाले महापुरुषों के बलिदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की | पार्क में उपस्थिति सभी महानुभाव ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर एवं बारी-बारी से तीनों शहीदों के चीत्रो पर मल्य अर्पण कर श्रद्धांजलि दी | आज 23 मार्च अंबेडकर पार्क बस स्टैंड पचोर में शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरू, शाहिद सुखदेव को याद कर उनका बलिदान दिवस मनाया एवं विनम्र श्रद्धांजलि दी |जिले के आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष एवं जिला अध्यक्ष पालक महासंघ इंजीनियर सत्येंद्र जाटव, आदिवासी कांग्रेस के जिला अध्यक्ष एवं पालक महासंघ जिला उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह भिलाला,जिला उपाध्यक्ष आम आदमी पार्टी लखन मालवीय,पालक महासंघ जिला महामंत्री फूलचंद महावर,लखन मालवीय, जिला सचिव देवीसिंह यादव, आम जिला उपाध्यक्ष sc रामलाल मालवीय पूर्व पार्षद पचोर, मुकेश जाटव, रोहित मालवीय, मनोहर सिंह, इस्लाम विश्वकर्मा, मोहन सिंह, दिनेश,जगदीश, अशोक वर्मा, नरेंद्र राजपूत,घनश्याम एवं मजदूर यूनियन के सदस्य उपस्थित रहै |पालक महासंघ जिला अध्यक्ष ने कहा कि आज 23 मार्च मातृभूमि के लिए अपने प्रणो का बलिदान देने वाले शहीद भगत सिंह, शाहिद सुखदेव, शहीद राजगुरू का हम शहादत दिवस मना रहे हैं, जो कि पूरा देश में मानते है देश की आजादी के समय अंग्रेजों ने इन तीनों इस दिन माफी नामा लिख कर देने की बोली थी, की आपको माफ कर देंगे | माफी नामा नहीं लिखते हुए उन्होंने शहीद होना स्वीकार किया | ऐसे वीर सपूतों के बलिदान को हम आज याद कर रहे है इन महापुरुषों के बलिदान से देश में नई क्रांति पैदा हुई, परंतु देश का दुर्भाग्य है कि आज हम हिंदू मुसलमान में बटे हुए हैं ऐसे ही हमारे मजदूर भाइयों ने संघर्ष किया उसी संघर्ष की बदौलत आज पचोर नगर में मजदूरों को बैठने एवं विश्राम के लिए 33 लाख का टीन सेड़ बहुत जल्द नगर परिषद द्वारा मिलने वाला है| जिला उपाध्यक्ष लखन मालवीय ने कहा कि हमें गर्व की हम उस देश के नागरिक है बाबा साहब की संतान है | ओमप्रकाश जाटव ने कहा कि कुछ लोग देश को बांटने की राजनीति कर रहे हैं हम ऐसा नहीं होने देंगे | नेता पूर्व पार्षद रामलाल मालवीय ने कहा कि कुछ नेता लोग सत्ता में आने से पहले तो बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, और जेसेही सत्ता में आ जाने के बाद देश के महापुरुषों को भूल जाते हैं ऐसा नहीं करना चाहिए उन्ही महापुरुषों के बलिदानो से आज हम जिंदा हैं |