संवाददाता अशोक मुंडा
20/04/2025
रामगढ़, झारखण्ड
झारखण्ड सरकार हेमंत सोरेन द्वारा शुरू की गई योजना से लाखों किसानों की जिंदगी बदलने वाली है, रामगढ़ जिला किसानों के पास खाली पड़े वंजर भूमि में बिरसा हरित क्रांति योजना,वरदान से कम नहीं है,
रामगढ़ जिला समहरणालय से महज 1km की दुरी पर लोधमा गाँव के आदिवासी युवक राज रंजन बेदिया जो पांच छः साल पहले मल्टी नेशनल कंपनी में काम करते थे, जिसे छोड़कर खेती किसानी करने की ठानी और अपने खाली पड़े 2.5 एकड़ वंजर पड़े टांड में झारखण्ड सरकार द्वारा चल रहे योजना के बारे में जानकारी ली उसके बाद झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ट्विटर हेंडल पर बिरसा हरित क्रांति योजना के संबध में जानकारी मांगी जिससे पूरी जानकारी मिलने के बाद आज अपने खाली जमीन में मनरेगा योजना के तहत भूमि समतलीकरण कर 2.5एकड़ जमीन में आम अमरुद, नींबू, पपीता, नासपती, केला जैसे फल लगाकर किसान के क्षेत्र में एक मिसाल पेस की है,
मल्टी नेशनल कंपनी में काम करने वाले राज रंजन बेदिया बताते हैं,कि किसी भी सरकारी या गैरसरकारी संस्था में काम करने में काम का प्रेसर रहता है, लेकिन खेती किसानी में ऐसा नहीं है, 5-6 साल पहले जो फालदार पेड़ लगाए हैं, अब फल देना शुरू हो गया,और जितने भी पेड़ लगे हैं, लगभग सभी में फल लगे हुए हैं, जिससे अच्छी आमदनी होनी की संभावना है,
राज रंजन बेदिया बिरसा हरित क्रांति योजना की सराहना करते हुए, कहते हैं, कि सरकार द्वारा चलाये जा किसी भी योजना किसान और आम जनता के भलाई के लिए ही होते हैं, जिसे लोगों को जरूर लेनी चाहिए,
सोलर पम्प से होती है, 2.5 एकड़ जमीन में लगे पेड़ों की पटाई
फलदार पेड़ों में पानी की सुविधा जमीन से सटे छोटी नहर में बेकार पड़े एवं बहते पानी रोकथाम कर उससे पीएम किसान कुसुम योजना के तहत सोलर पम्प जो 2 Hp के मोटर लगे हैं इसी से पुरे 2.5 एकड़ में लगे पेड़ों में पानी की पटाई होती है, जिससे आज यह बागवानी का अच्छे से हो रहा है,
2.5 एकड़ जमीन में बाग़वानी के साथ कर हैं, मुर्गी पालन
राज रंजन बेदिया आगे बताते हैं,कि बाग़वानी के साथ साथ कुछ मुर्गी पालन का भी काम शुरू किया गया है,जिसमे से अभी 400 सौ सोनाली और डबल fg किस्म के चूजे छोड़े हुए, हैं, जो लगभग 3 माह में 3kg के हो जायेंगे,
राज रंजन बेदिया किसान कृषि केंद्र रामगढ़ और मांडू से जुड़कर कर हैं,खेती किसानी
आदिवासी युवक जो अपने कम ही उम्र में आज खेती किसानी के क्षेत्र में कृषि विज्ञान केंद्र मांडू और रामगढ़ के आत्मा से जुडकार तरह तरह के योजनाओं का लाभ ले रहे हैं,राज. रंजन बेदिया जी आगे बताते हैं कि जिले के कृषि विज्ञान केंद्र के जो भी पदाधिकारी हों चाहे ATM, BTM हों उनसे मिलकर कृषि से संबधित जानकारी ली जा सकती है, और सरकार द्वारा चलाये जा रहे योंजनाओं का लाभ किसान भाई ले सकते हैं,और खेती बारी कर आर्थिक मजबूती और अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं,
जिले के कृषि विज्ञान केंद्र और आत्मा से जुड़कर बहुत ही योजनाओं का लाभ ले सकते हैं,जो कि किसान उपजाने के बाद फसल सुरक्षा एवं रख रखाव के लिए आत्मा से 56,500 रूपये की लागत से थ्रेसिंग फ्लोर का निर्माण कर सकते हैं,